राजस्थान के दक्षिण-पूर्व में चम्बल नदी के किनारे रावतभाटा दूसरे बड़े परमाणु ऊर्जा उत्पादन का केंद्र बनने जा रहा है। यहां वर्तमान में स्थापित 6 दाबयुक्त भारी जल रिएक्टरों की उत्पादन क्षमता 1180 मेगावाट है।
भारत में परमाणु ऊर्जा उत्पादन की चली बयार की तेजी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वर्तमान में स्वीकृत-निर्माणाधीन 21 परमाणु रिएक्टरों से वर्ष 2031 तक देश मे परमाणु ऊर्जा उत्पादन की क्षमता बढ़ कर 15 हज़ार 700 मेगावाट तक पहुंचने की संभावना का आंकलन किया गया है। देश की कुल ऊर्जा उत्पादन में परमाणु ऊर्जा का वर्तमान में 2 प्रतिशत योगदान है जिसके आने वाले 6 सालों में बढ़ कर उत्पादन क्षमता दुगुनी हो जाएगी। वर्तमान में परमाणु विद्युत विकास के लिए माही बांसवाड़ा-राजस्थान में 4, गोरखपुर में 4, कुडनकुलम में 4, रावतभाटा-राजस्थान में 2, काकरापार में 2, चुटका-मध्य प्रदेश में 2, कलपक्कम फास्टरब्रीडर का एक रिएक्टर शामिल हैं। इनके निर्माण पर एक लाख पांच हज़ार करोड़ रुपये व्यय किये जायेंगे।
राजस्थान के दक्षिण-पूर्व में चम्बल नदी के किनारे रावतभाटा दूसरे बड़े परमाणु ऊर्जा उत्पादन का केंद्र बनने जा रहा है। यहां वर्तमान में स्थापित 6 दाबयुक्त भारी जल रिएक्टरों की उत्पादन क्षमता 1180 मेगावाट है। यहां परमाणु विद्युत उत्पादन परियोजना की शुरुआत 1963 में हुई जब कनाडा के सहयोग से 110-110 कुल 220 मेगावाट उत्पादन क्षमता की दो इकाइयां प्रारम्भ की गई। इन्होंने क्रमशः16 दिसम्बर1973 एवं 1 अप्रैल 1981 से विद्युत उत्पादन प्रारम्भ किया। आण्विक विद्युत विस्तार के अंतर्गत 570 मिलियन डॉलर की लागत से स्थापित 220 मेगावाट की इकाई 3 ने 1 जून 2000 तथा 220 मेगावाट की इकाई 4 ने 23 दिसम्बर 2000 से विद्युत उत्पादन शुरू किया। अगले चरण में 220-220 मेगावाट की इकाई 5 एवं इकाई 6 स्थापित की गई जिन्होंने क्रमशः 4 फरवरी 2010 एवं 31 मार्च 2010 से विद्युत उत्पादन शुरू किया। इनके संचलन के लिए परियोजना स्थल पर भारी पानी उत्पादन संयंत्र की स्थापना की गई।
विस्तार के क्रम में इकाई न.7 एवं इकाई न.8 का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। ये इकाइयां 700-700मेगावाट उत्पादन क्षमता की हैं। इनके पूर्ण होने पर रावतभता परमाणु विद्युत परियोजना की उत्पादन क्षमता बढ़ कर दुगुनी हो जाएगी। इकाई 7 का 90 प्रतिशत एवं इकाई 8 का 60 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है। इन इकाइयों के निर्माण पर 123.2 बिलियन रुपये का प्रावधान किया गया है। इकाई 7 को दिसम्बर 2020 एवं इकाई 8 को दिसम्बर 2021 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। इनसे बिजली उत्पादन शुरू होने पर न्यूकिलियर शहर रावतभाटा 2022 तक 2 करोड़ लोगों की आवश्यकता की बिजली उपलब्ध कराने लगेगा। इस समय तक करीब 20 हज़ार मिलियन यूनिट का उत्पादन रावतभाटा से होने लगेगा। बिजलीघर के स्थल निदेशक विजय कुमार जैन की माने तो भविष्य में रावतभाटा में राजस्थान परमाणु बिजली घर की 9वीं एवं 10वीं इकाई लगने भी संम्भावना है। यह 7वीं एवं 8वीं इकाई के पूर्ण होने पर ही तय हो पायेगा। हमारे पास जगह एवं संसाधनों की कोई कमी नही है।
यूरेनियम फ्यूल बंडल कॉम्पलेक्स प्रोजेक्ट
रावतभाटा में परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में एक ओर कदम बढ़ाया है। यहां देश के दूसरे यूरेनियम फ्यूल बंडल कॉम्पलेक्स प्रोजेक्ट की नींव का पहला पत्थर 9 सितंबर 2017 को परमाणु ऊर्जा विभाग के अध्यक्ष डॉ. शेखर बसु ने रखा। 2400 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में 2021 के बाद प्रतिवर्ष 500 टन यूरेनियम फ्यूल बंडल बनेंगे। इससे राजस्थान परमाणु बिजलीघर की 7वीं 8वीं इकाई, काकरापार गुजरात की 7वीं 8वीं इकाई, उत्तरी भारत में भविष्य में लगने वाली सभी 700-700 मेगावाट के परमाणु बिजलीघरों को यूरेनियम फ्यूल बंडल की आपूर्ति रावतभाटा से की जाएगी। जादू गौडा और देश की अन्य खानों से यूरेनियम यल्लोकेक के रूप में आएगा और यहां पर यूरेनियम फ्यूल बंडल बनाया जाएगा। कुल 190 हेक्टर भूमि पर बनाई जा रही इस परियोजना के साथ-साथ 50 हेक्टर में टाउनशिप कॉलोनी भी बन रही है। इस परियोजना के पूर्ण होने पर करीब तीन हज़ार लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त होगा। इस परियोजना पर अब तक 120 करोड़ रुपये से ज्यादा व्यय किया जा चुका है। वर्तमान में 1971 में हैदराबाद में स्थापित प्रथम फ्यूल कॉप्लेक्स से फ्यूल बंडल मंगाए जा रहे हैं।
परमाणु बिजलीघर एनटीसी के अधिकारी संजय माथुर की माने तो दुनियाभर के 31 देशों में 459 परमाणु रिएक्टर विद्युत उत्पादन कर रहे हैं। इनमें सर्वाधिक अमेरिका में 98 रिएक्टर, फ्रांस में 50, चीन में 48, जापान में 37 रूस में 36, भारत में 22 रिएक्टर हैं। दुनिया के रिएक्टरों की विद्युत उत्पादन क्षमत 390 गीगावाट है तथा 11 प्रतिशत बिजली न्यूक्लियर से उत्पादित हो रही है। विश्व में इस समय 60 परमाणु बिजलीघर निर्माणाधीन है।इसमें अकेला चीन 20 परमाणु रिएक्टरों का निर्माण कर रहा है। भारत में 7 एवं पाकिस्तान में भी 3 परमाणु रिएक्टर निर्माणाधीन है।
भारत में घरेलू यूरेनियम रिजर्व कम है और यूरेनियम आयात पर निर्भर है ताकि परमाणु ऊर्जा उद्योग को बढ़ावा दिया जा सके इसलिए, 1990 से, रूस भारत के लिए परमाणु ईंधन का प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहा है भारत में महाराष्ट्र के तारापुर में 1400 मेगावाट क्षमता का उबलते पानी वाला रिएक्टर एवं दबाव वाले भारी जल रिएक्टर विद्युत उत्पादन कर रहा है। तमिलनाडु के कुडनकुलम में 2000 मेगावाट उत्पादन क्षमता के रिएक्टर स्थापित हैं। कर्नाटक के कैगा में 880 मेगावाट क्षमता के भारी जल रिएक्टर विद्युत उत्पादन कर रहे हैं। गुजरात के काकरापार में 440 मेगावाट के रिएक्टर उत्पादन कर रहे हैं। राजस्थान के रावतभाटा में 1180 मेगावाट क्षमता का विद्युत उत्पादन किया जा रहा है। तमिलनाडु के कलपक्कम में 440 मेगावाट एवं उत्तर प्रदेश के नोनेरा में 440 मेगावाट के रिएक्टर विद्युत उत्पादन कर रहे हैं।
डॉ. प्रभात कुमार सिंघल