कुशीनगर। किन्नरों के लिए पहला विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में खुल चुका है। 15 जनवरी से इसमें दाखिले भी शुरू हो गए हैं। यहां किन्नर कक्षा एक से लेकर पोस्ट ग्रेजुएशन और पीएचडी तक की डिग्री हासिल कर सकेंगे। साथ ही छात्रों को रिसर्च करने का मौका भी दिया जाएगा। यह विश्वविद्यालय कुशीनगर जिले के फाजिलनगर ब्लॉक में खुला है।
इस विश्वविद्यालय को अखिल भारतीय किन्नर शिक्षा सेवा ट्रस्ट (अखिल भारतीय ट्रांसजेंडर शिक्षा सेवा ट्रस्ट) द्वारा बनाया गया है। ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ कृष्ण मोहन मिश्रा कहना है कि, देश में पहली बार ऐसा हो रहा है जब ट्रांसजेंडर समुदाय के छात्र विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने जा रहे हैं। यहां प्रक्रिया पहले ही शुरू की जा चुकी है और बच्चों को एडमिशन दिया जा रहा है। इसके बाद
ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ.कृष्ण मोहन मिश्र ने यह भी बताया कि हमें विश्वविद्यालय के लिए 200 करोड़ रुपये के खर्च की व्यवस्था करनी पड़ी। उन्होंने कहा, "इस यूनिवर्सिटी को बनाने में किन्नर समाज की महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, शबनम मौसी सहित कई लोगों ने हमें मदद का आश्वासन दिया था। पहले चरण में प्राथमिक विद्यालय से शुरुआत हुई है।"
वहीं, क्षेत्र के विधायक गंगा सिंह कुशवाहा ने कहा, "इससे देश में किन्नर शिक्षित हो सकेंगे। फिर वे देश को एक नई दिशा देने में सक्षम होंगे। वहीं, विश्वविद्यालय खुलने ट्रांसजेंडर समुदाय में खुशी का माहौल है।"