लखनऊ. नागरकिता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ उत्तर प्रदेश में शुक्रवार को भी उग्र प्रदर्शन हुए। यहां 20 जिलों में प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई। प्रदर्शन में शामिल उपद्रवियों ने हर ओर ताडंव मचाया। यूपी के अतिरिक्त मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए हुई फायरिंग के दौरान 6 लोगों की मौत हुई है।'' बिजनौर में 2, संभल, फिरोजाबाद, मेरठ और कानपुर में एक-एक मौत हुई। जबकि, कानपुर में 8 और बिजनौर में 4 लोग गोली लगने से घायल हुए। कुछ जिलों में पुलिस थाने-चौकियां शुक्रवार को भी फूंकी गईं।
रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में 20 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद है। इन जिलों में गाजियाबाद, मेरठ, सुल्तानपुर, गोरखपुर, कानपुर, उन्नाव, बुलंदशहर, हाथरस, हापुड़, अमरोहा, मुजफ्फरनगर, सीतापुर, बिजनौर, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, भदोही, वाराणसी, बहराइच, संभल और वाराणसी शामिल हैं। यहां उपद्रवियों ने पुलिस पर न केवल पथराव किया, बल्कि वाहन फूंके और जानलेवा हमले भी किए। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए आंसू गैस के गोले दागे।
राज्यभर में 3 हजार से ज्यादा उपद्रवी गिरफ्तार
राज्यभर में 3 हजार से ज्यादा उपद्रवी गिरफ्तार
राज्य में धारा-144 लागू होने के बावजूद लखनऊ और संभल में नागरिकता कानून के विरोध में हिंसक प्रदर्शन हुए। नियत्रंण की दिशा में बढ़ते हुए पुलिस ने 3 हजार से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है। साथ ही सैकड़ों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। अकेले लखनऊ में 7 केस दर्ज किए गए और पुलिस ने 200 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया। फायरिंग में मारे गए युवक के पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गई है।
सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क पर मुकदमा
वहीं, यूपी के संभल जिले में हिंसा और आगजनी के मामले में सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क समेत 17 पर केस दर्ज हुआ है। प्रदेश में अब तक कुल 3305 लोग हिरासत में लिए गए हैं। सरकार की ओर से बताया गया कि कानपुर में 1, बिजनौर में 2 और अन्य जिलों में 3 मौतें हुईं।