नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध करने पर पिछले दिनों गिरफ्तार किए गए रिटायर्ड आईपीएस एसआर दारापुरी के परिजनों से मिलने जा रही प्रियंका गांधी को जब यूपी पुलिस ने रोका तो वह कार छोड़कर स्कूटी पर अपनी एक साथी के साथ सवार होकर निकल पड़ीं। बता दें कि नये नागरिकता कानून के खिलाफ हाल में हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार किये गये पूर्व पुलिस अधिकारी के घर जाते वक्त उन्हें रोकने की कोशिश कर रही पुलिस ने उनका 'गला दबाकर उन्हें गिराया।
प्रियंका गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा, मैं गाड़ी से उतरकर पैदल चलने लगी। मुझे घेरा गया और एक महिला पुलिसकर्मी ने मेरा गला दबाया। मुझे धक्का दिया गया और मैं गिर गयी। आगे चलकर फिर मुझे पकड़ा तो मैं एक कार्यकर्ता के टू-व्हीलर से निकली। उसे भी गिरा दिया गया। प्रियंका ने कहा कि दारापुरी 77 साल के पूर्व पुलिस अधिकारी हैं। उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन के लिये फेसबुक पर पोस्ट डाली थी। इसके बावजूद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
इसके बाद प्रियंका ने कुछ दूर पैदल फिर स्कूटी से पुल पार किया। छह बजकर 10 मिनट पर वे इंदिरानगर स्थित एसआर दारापुरी के आवास पर पहुंचीं। यहां उन्होंने दारापुरी की बीमार पत्नी से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। इस हाई वोल्टेज ड्रामे के दौरान हलकान हुई पुलिस और पार्टी नेताओं के बीच अफर-तफरी का माहौल पैदा हो गया। बता दें कि, प्रियंका गांधी लखनऊ में कांग्रेस के 135वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए गई हुई है।
लखनऊ में पुलिस पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाने के बाद प्रियंका गांधी ने कहा कि, मैं दारापुरीजी के परिवार से मिलने जा रही थी, पुलिस ने बार-बार रोका। जब गाड़ी को रोका तो मैंने पैदल जाने की कोशिश की तो मुझे घेर कर मेरे गले पर हाथ लगाया। मुझे गिरा भी दिया एकबार। अब लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी ने प्रियंका गांधी से दुर्व्यवहार की खबरों का खंडन किया है।कांग्रेस की नेता सुष्मिता देव ने कहा कि, हम प्रियंका गांधी के साथ शारीरिक हिंसा की निंदा करते हैं। इस सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए और राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए।