अखिलेश ने योगी आदित्यनाथ पर लगाया आरोप, कहा- CAA के विरोध को लेकर हुई हिंसा के लिए सरकार है जिम्मेदार ... (सीएए) के खिलाफ उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा के लिए राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार को जिम्मेदार ठहराते कहा कि सरकार के इशारे पर जानबूझकर आगजनी और हिंसा की गई।
लखनऊ। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा के लिए राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) मुखिया अखिलेश यादव ने रविवार को कहा कि सरकार के इशारे पर जानबूझकर आगजनी और हिंसा की गई ताकि जनता को डराया जा सके।अखिलेश ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने ज्यादती की। पुलिस ने गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी की। यह सब कुछ सरकार के इशारे पर हुआ। उन्होंने कहा कि जिस प्रदेश का मुख्यमंत्री बदला लेने की बात करता हो उस राज्य की पुलिस निष्पक्ष नहीं हो सकती। सरकार के इशारे पर पुलिस ने जानबूझकर आगजनी की ताकि जनता को डराया जा सके। यह लोकतंत्र में विश्वास ना करने वाली सरकार है। सरकार द्वारा सपा कार्यकर्ताओं पर हिंसा भड़कानेके आरोप संबंधी सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा कार्यकर्ताओं ने हर जगह शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया, मगर सरकार ने बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और नौजवानों के मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए खुद हिंसा को हवा दी।
हिंसा में हुई सार्वजनिक संपत्ति की भरपाई दंगाइयों को चिह्नित कर उनकी संपत्ति कुर्क करके किए जाने के सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए सपा मुखिया ने कहा कि फिर तो 2007 के गोरखपुर दंगों में हुए नुकसान की भी भरपाई की जानी चाहिए। उन दंगों में योगी आदित्यनाथ आरोपी थे। जिनके घर शीशे के होते हैं वह दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं मारा करते।अखिलेश ने राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान कुछ भाजपा विधायकों द्वारा सदन में अपनी ही सरकार के खिलाफ धरना दिए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि अगले साल कुछ बड़ा होने वाला है। भाजपा विधायक T20 मैच खेलने के मूड में हैं। उन्होंने कहा मुझे जानकारी मिली है इसीलिए मैं कह रहा हूं। नए साल में 20-20 का बंपर ऑफर आने वाला है। इस सवाल पर कि भाजपा के कितने विधायक सपा के संपर्क में हैं, अखिलेश ने कहा हम तो समर्थन देने वाले रहे हैं। हालांकि उन्होंने इस मामले पर कोई भी खुलासा नहीं किया।इस सवाल पर कि सरकार कह रही है कि नया कानून नागरिकता छीनने नहीं बल्कि नागरिकता देने के लिए है, सपा अध्यक्ष ने कहा कि सरकार ने नोट बंदी के वक्त कहा था कि काला धन देश में वापस आएगा, भ्रष्टाचार कम होगा, लेकिन सच्चाई यह है कि भ्रष्टाचार कई गुना बढ़ गया। ऐसे में नागरिकता कानून को लेकर सरकार की बात पर कैसे विश्वास किया जा सकता है।