चंडीगढ़। देश में एक के बाद एक रेप की घटनाओं के बाद महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर से सवाल खड़े हो गए हैं। सरकारें महिला सुरक्षा को लेकर गंभीरता से विचार कर रही हैं। इसी बीच पंजाब की अमरिंदर सिंह सरकार ने महिलाओं की सेफ्टी के लिए एक शानदार पहल की है। देर रात काम करने वाली महिलाओं की मदद के लिए पंजाब सरकार ने एक नई सेवा की शुरुआत की है। अब रात नौ से सुबह छह बजे तक अगर किसी महिला को उपयुक्त साधन नहीं मिलता है तो पंजाब पुलिस उसे घर तक पहुंचाएगी।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को महिलाओं को सुरक्षित रूप से घर छोड़ने के लिए मुफ्त पुलिस सहायता की घोषणा की है। पुलिस यह सेवा रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक देगी। यह सुविधा पूरे राज्य में DIAL 100, 112 और 181 पर उपलब्ध होगी। जिसके माध्यम से महिला कॉलर तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम (PCR) से जुड़ जाएगी। मुख्यमंत्री ने डीजीपी दिनकर गुप्ता को निर्देश दिया है कि वे राज्य भर में इस सुविधा को लागू करना सुनिश्चित करें।
पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से कहा गया, पिक-अप और ड्रॉप की सुविधा उन महिलाओं को उपलब्ध होगी, जिनके पास सुरक्षित वाहन नहीं है, जिनमें टैक्सी या 3-व्हीलर शामिल हैं। महिला कॉलर को संपूर्ण सुरक्षा की भावना देने के लिए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि परिवहन के दौरान कम से कम एक महिला पुलिस अधिकारी उसके साथ होनी चाहिए। योजना के कार्यान्वयन के लिए समर्पित पीसीआर वाहनों को आयुक्तों के साथ-साथ मोहाली, पटियाला और बठिंडा और राज्य के अन्य प्रमुख शहरों में उपलब्ध कराया जाएगा।
सरकार की ओर से जारी जानकारी के मुताबिक, डीएसपी/एसीपी (महिलाओं के खिलाफ अपराध) प्रत्येक जिले में योजना को लागू करने के लिए नोडल अधिकारी होंगे। उनके नंबर पंजाब सरकार और पंजाब पुलिस की वेबसाइटों पर उपलब्ध होंगे। गुरप्रीत देव एडीजीपी क्राइम, पंजाब राज्य नोडल अधिकारी होंगे। तेलंगाना की घटना पर रोष जाहिर करते हुए सीएम ने कहा कि उनकी सरकार महिलाओं की सुरक्षा यकीनी बनाएगी। इस संबंध में हरसंभव कदम उठाए जाएंगे। सरकार महिला सुरक्षा की कई योजनाओं पर काम कर रही है।