बस्ती । प्राइवेट आई.टी.आई. वेलफेयर एसोसिएशन जिलाध्यक्ष अनुभव मिश्र के नेतृत्व मे सोमवार को एक प्रतिनिधि मण्डल ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित 10 सूत्रीय ज्ञापन राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के संयुक्त निदेशक एवं प्रधानाचार्य को सौंप कर न्याय की गुहार लगाया।
ज्ञापन में कहा गया है कि निजी आई.टी.आई. संस्थानों की आये दिन जांच कराया जा रहा है। एक वर्ष के भीतर 5 बार जांच हो चुकी है किन्तु समस्याओं का समाधान नहीं कराया जा रहा है।
10 सूत्रीय ज्ञापन में आई.टी.आई. पोर्टल एनसीवीटी, वीपीपी की खामियों को दूर कराने, प्रयोगात्मक परीक्षा के अंक निजी आई.टी.आई. के लागिन से ही परीक्षक द्वारा अंक चढाये जाने, परीक्षाफल समय से जारी किये जाने, आन लाइन परीक्षा प्रक्रिया समाप्त किये जाने, पूर्व परीक्षार्थियों के पूरक परीक्षा का अंक सुधारकर परीक्षाफल घोषित करने, आये दिन जांच के नाम पर उत्पीड़न बंद किये जाने आदि की मांग शामिल है।
ज्ञापन सौंपते समय मुख्य रूप से रमाकान्त पाण्डेय, विवेक सिंह, अनिल कुमार दूबे, आर.एस. यादव, रमेश शर्मा, राजेश कुमार ओझा, अतुल उपाध्याय, राजेन्द्र प्रसाद वर्मा, गुरू प्रसाद वर्मा, दिनेश चौधरी, सुभाष चौधरी, राधेश्याम चतुर्वेदी, शशिकान्त पाण्डेय, ओम प्रकाश श्रीवास्तव, डा. दुर्गेश गुप्ता, रमेश सिंह, अरूण तिवारी आदि शामिल रहे।
न्याय की मांग को लेकर भूख हड़ताल 10 से
बस्ती । मृतक मां के स्थान पर नौकरी एवं एनएनएम पद पर कार्यरत मां के समस्त देयकों के भुगतान की मांग को लेकर कोतवाली थाना क्षेत्र के डिलिया निवासिनी मां की इकलौती संतान दलित गरिमा भारती द्वारा न्याय की मांग को लेकर 10 दिसम्बर से जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष भूख हड़ताल किया जायेगा।
गरिमा भारती ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि उसकी मां दलित स्वर्गीय पार्वती देवी एएनएम पद पर कार्यरत थी, उनका निधन हो गया। वह अपने मां की इकलौती सन्तान है। भानपुर तहसील क्षेत्र के बनकटवा निवासी प्रदीप कुमार चौधरी पुत्र घिर्राऊ चौधरी ने कूट रचना करके उसके स्थान की नौकरी हासिल कर लिया। जानकारी होने पर गरिमा ने मुख्य चिकित्साधिकारी के साथ ही अनेक अधिकारियों को पत्र देकर मांग किया कि उसे मां के स्थान पर नौकरी दिया जाय और जालसाजी के आरोप में प्रदीप कुमार चौधरी के विरूद्ध कार्रवाई सुनिश्चित किया जाय किन्तु उसकी मांगों को अनसुनी करते हुये नियम विरूद्ध ढंग से रोक के बावजूद प्रदीप कुमार चौधरी को वेतन भी निर्गत कर दिया। दलित गरिमा भारती ने कहा है कि न्याय के लिये विवशता में उसे भूख हड़ताल के लिये मजबूर होना पड़ रहा है। न्याय न मिलने तक उसका आन्दोलन जारी रहेगा।े