अयोध्या। अयोध्या में 'जय श्री राम' का नारा लगाने पर एक मुसलमान शख्स को काफिर करार दे दिया गया। कहा गया कि शख्स ने कुरान की शिक्षाओं का अनादर किया है। मंदिर में जाकर हवन पूजन किया है। बुत परस्ती का काम किया है। ऐसे में उसको मुसलमान कहलाने का हक नहीं है। मजबूर होकर मस्जिद पहुंच उसने माफी मांग ली। हालांकि, उसे अभी भी खतरे का अहसास है।
1 सितंबर को रामनगरी के छावनी में राम मंदिर निर्माण की बाधाओं को दूर करने के लिए परमहंस दास की ओर से यज्ञ हवन और पूजन अर्चन किया गया था। इस धार्मिक अनुष्ठान में हिंदू संत साधु के साथ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी शिरकत की थी। मुस्लिम समुदाय की महिलाओं और पुरुषों ने राम मंदिर निर्माण की तरफदारी करते हुए जय श्री राम का नारा लगाया था। इसी जत्थे में शहर क्षेत्र के जब्ती वजीरगंज निवासी हाफिज सईद भी शामिल थे। कार्यक्रम की फोटो और वीडियो सार्वजनिक होने के बाद लोगों को मामले की जानकारी हुई। जानकारी के बाद वजीरगंज निवासी मोहम्मद हाजी सईद को उलाहना और ताना मिलने लगा। धर्म के ठेकेदारों की ओर से उसको मुसलमान धर्म से पारित कर दिया गया और काफिर करार दे दिया गया।
आसपास गली मोहल्ले के लोग और मिलने जुलने वाले उसे काफिर कह कर बुलाने लगे और कहने लगे कि यह तो अब हिंदू हो गया है। समाज के लोगों में हाजी सईद के खिलाफ तमाम तरह की अफवाहें फैलाई जाने लगी। कहा गया कि इसने कुरान की शिक्षाओं का अनादर किया है। मंदिर में जाकर हवन पूजन किया है। बुत परस्ती का काम किया है। ऐसे में उसको मुसलमान कहलाने का हक नहीं है। हाल ये हुआ कि हाजी सईद का जीना मुहाल हो गया। मजबूर होकर मस्जिद पहुंच उसने माफी मांग ली।
वजीरगंज निवासी हाजी सईद का कहना है कि जय श्री राम का नारा लगाने के कारण उसको धर्म से खारिज कर दिया गया। लोग उसे काफिर कहने लगे और हिंदू बताने लगे, जबकि उनका अल्लाह ही उनका खुदा है। उसने आदाब और आदर के चलते श्री राम का नारा लगाया था। न तो मंदिर में बुत परस्ती की ओर न ही हवन पूजन किया। सईद का कहना है कि वह नमाज के लिए मस्जिद गए थे। इसी दौरान उन्होंने स्वेच्छा से अल्लाह से माफी मांग ली। हालांकि, वह अभी भी अपने ऊपर खतरे से इंकार नहीं करते। सईद का कहना है कि कुछ लोग उनको धमका रहे हैं और अंजाम भुगतने की धमकी दे रहे हैं।
तपस्वी छावनी में राम मंदिर निर्माण की बाधाओं को दूर करने के लिए हवन पूजन और अनुष्ठान कराने वाले परमहंस दास का कहना है कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का नारा लगाने वाले राष्ट्रवादी मुसलमान को काफिर करार दिया जा रहा है। यह लोकतंत्र के लिए खतरा है। प्रभु श्री राम ने पूरे समाज को मर्यादा का संदेश दिया। वह किसी धर्म विशेष से बंधे नहीं है। परमहंस ने मांग रखी है कि ऐसे लोगों के खिलाफ सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए।