बस्ती । शिथिल पर्यवेक्षण, कार्यो में रूचि न लेना तथा अधीनस्थ पर नियंत्रण न रखना एआरटीओं अरूण प्रकाश चौबे को भारी पड़ा। जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन के आकस्मिक निरीक्षण में उन्होने पाया कि एआरटीओं के पास प्रशासन एवं प्रवर्तन दोनों का दायित्व है परन्तु उनका अपने अधीनस्थ पर कोई नियंत्रण नही है, रजिस्टर का समुचित रख-रखाव नही है तथा कानून एवं नियमों की पर्याप्त जानकारी भी नही है।
उन्होने आरटीओं सगीर अहमद अंसारी को निर्देश दिया कि कारण बताओं नेाटिस जारी करके एआरटीओं से आख्या प्राप्त करे तथा अपनी संस्तुति सहित उनको भेजे। दोषी पाये जाने पर इनके विरूद्ध कार्यवाही हेतु शासन को संस्तुति भेजी जायेंगी। साथ ही सुनिश्चित करे कि एक सप्ताह में कार्यालय की व्यवस्था में सुधार आये। उनके द्वारा कार्यालय का 15 दिन बाद पुनः निरीक्षण किया जायेगा।
जिलाधिकारी ने निरीक्षण में पाया कि प्रवर्तन कार्य के अन्तर्गत ओवरलोडिंग होने, परमिट न होने एवं अन्य कारणों से वाहन बन्द किए गये तथा जुर्माना लगाया गया। वाहन स्वामी ने कोर्ट जाकर अपना वाहन छुडवा लिया तथा उसे 05 हजार रूपये से कम जुर्माना जमा करना पड़ा जबकि एआरटीओ द्वारा 20 हजार का जुर्माना लगाया गया। मजे की बात तो यह रही कि ऐसे मामलों मंे कोर्ट द्वारा दिये गये आदेश की कोई प्रति कार्यालय में नही है। आरटीओं श्री अंसारी का कहना है कि वे इसमें अपील दाखिल करेंगे जबकि कार्यालय में कोई आदेश ही नही है।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि ऐसे मामलों में कोर्ट के आदेश की प्रति प्राप्त कर परीक्षण किया जाय। कोर्ट के ऐसे आदेशों से प्रदेश सरकार को राजस्व का घाटा भी हो रहा है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि ऐसे मामलों में विभाग कोर्ट में प्रभावी पैरवी करें ताकि अधिकाधिक राजस्व प्राप्त हो सके। साथ ही दोषी व्यक्तियों को दण्ड भी मिले। जिलाधिकारी ने आरटीओं को निर्देश दिया कि विभागीय अधिकारियों की एक समिति गठित कर ऐसे प्रकरणों की समीक्षा करे। समिति की संस्तुति के आधार पर नियमानुसार एक प्रक्रिया निर्धारित की जाय। जिससे कि कोर्ट के मामलों की प्रभावी जाॅच हो सके।
उन्होने समीक्षा में पाया कि अक्टॅूबर माह तक 42.72 करोड़ के सापेक्ष 42.91 करोड़ राजस्व प्राप्ति हुयी। जो 100.44 प्रतिशत है। जिलाधिकारी ने इस स्थिति पर संतोष व्यक्त किया परन्तु उन्होने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग जिले में काफी लम्बा है। इसलिए नियमित जाॅच कराकर राजस्व लक्ष्य का 150 प्रतिशत हासिल करें।
बिना रजिस्टेªशन नम्बर वाहन सड़क पर न आये -
जिलाधिकारी ने समीक्षा में पाया कि वाहन बेचने के बाद रजिस्टेªशन का कार्य वाहन डीलर द्वारा आनलाइन कराया जाता है। इस बीच वाहन रोड़ पर बिना नम्बर के चलने लगते है। उन्होने निर्देश दिया है कि वाहन स्वामी रजिस्टेªशन के बाद गाड़ी नम्बर लिखवाकर ही डीलर से डिलेवरी लें, ऐसी व्यवस्था बनाये। उन्होने निर्देश दिया कि जिले में टू-व्हीलर के 06 तथा 04 व्हीलर के 10 वाहन डीलरों को नियमों से अवगत कराते हुए सर्कुलर भेजे। उन्हें यह भी सूचित करें कि 15 दिन बाद नियमों का उलंघन पाये जाने पर जुर्माना लगाया जायेंगा, टेªडिंग लाइसेन्स 45 दिन के लिए निलम्बित किया जायेंगा तथा पुनः उलंघन पाये जाने पर इसे निरस्त कर दिया जायेगा। एआरटीओ प्रत्येक सप्ताह सभी डीलरों के शो-रूम की जाॅच करते रहेंगे।
जिलाधिकारी ने कार्यालय में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। उन्होने उपस्थिति रजिस्टर, सर्विंसबुक, जीपीएफ पासबुक का निरीक्षण किया। विलम्ब से आने पर विजय प्रताप सिंह का स्पष्टीकरण तलब किया। उन्होने कम्प्यूटर पर सारथी तथा वाहन पोर्टल का निरीक्षण करते हुए नागरिको को सभी सुविधाए समय से उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।