उन्नाव। उन्नाव जिले में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता इस समय लखनऊ के सिविल अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है। डॉक्टरों ने उसे दिल्ली ले जाने की सलाह दी है। वहीं, इस मामले में एक चश्मदीद सामने आया है। चश्मदीद की मानें तो जिंदा जलाए जाने के बाद भी पीड़िता घटनास्थल से करीब एक किलोमीटर तक पैदल चली थी। इसके बाद उसने घर के बाहर काम कर रहे एक व्यक्ति से मदद भी मांगी। इसके बाद उसके फोन से पीड़िता ने खुद 100 नंबर पर डायल किया और पुलिस को घटना की सूचना दी।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चश्मदीद रविंद्र प्रकाश ने बताया कि वह वहां से दौड़ती हुई चली आ रही थी और बचाओ-बचाओ चिल्ला रही थी। जब हमने पूछा कौन तो उसने बताया कि अपनी पहचान बताई। रविंद्र कहते हैं कि हम डर गए, वह पूरी तरह से जली हुई थी। हमें लगा ये चुड़ैल है। हम पीछे भागे और डंडा उठाया इस दौरान हमने कुल्हाड़ी लाओ, कुल्हाड़ी लाओ आवाज भी लगाई। पहचान जानने के बाद भी उनका डर कम नहीं हुआ और उसे दूर खड़ा रखा।
90 प्रतिशत तक जल गई पीड़िता
90 प्रतिशत तक जल गई पीड़िता
रविंद्र ने बताया कि इसके बाद पुलिस को कॉल की गई और फोन उसके मुंह के सामने लगाया। पीड़िता ने पुलिस से बात की इसके बाद 100 नंबर गाड़ी आ गई और वह बैठकर चली गई। बताया जा रहा है कि पीड़िता 90 प्रतिशत तक जल गई है। वहीं, पुलिस ने इस मामले में सभी पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें मुख्य आरोपी शिवम त्रिवेदी भी शामिल है। इसके अलावा शुभम त्रिवेदी, हरिशंकर त्रिवेदी, उमेश बाजपेई और राम किशोर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उन्नाव के एसपी विक्रांत वीर के अनुसार आरोपी को पकड़ने के लिए 4 टीमें लगाई गई थीं।
पीड़िता के पिता ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि शिवम त्रिवेदी करीब एक साल पहले घर पर आता जाता था। हम लोग भी उसे गांव का बच्चा ही समझ कर घर में आने देते थे, लेकिन उसने हमारा विश्वास तोड़ दिया। शिवम ने बेटी को प्रेमजाल में फंसाया और एक दिन रायबरेली ले जाकर उसका रेप कर मोबाइल से वीडियो बना लिया। पिता ने बताया कि वह वीडियो मेरी बेटी के जी का जंजाल बन गया। इसके बाद प्रेमी शिवम ब्लैकमेलर बन गया। उसने वीडियो सार्वजानिक करने की धमकी देकर कई बार मेरी बेटी का रेप किया और उसका मानसिक उत्पीड़न करता रहा।
पीड़िता के पिता कहते हैं कि शिवम रायबरेली में उसे घर से नहीं निकलने देता था, वह उसके साथ मारपीट करता था। उसे कहीं अकेले नहीं जाने देता था। बाद में जब बेटी घर लौटी तो हमने शादी का दबाव बनाया लेकिन वो धमकियां देने लगा। ऐसा करीब एक साल तक चला। बेटी इन सबसे परेशान होकर अपनी बुआ के पास रायबरेली चली गई।
आरोपी शिवम पीड़िता की बुआ के घर भी जा पहुंचा। वह 12 दिसंबर, 2018 को वहां पहुंचा और उसे एक बार फिर शादी का झांसा दिया। शिवम ने उसे मंदिर जाने को कहा, पीड़िता विश्वास कर साथ चली गई। वह मंदिर के बजाए उसे खेतों में ले गया और वहां उसके साथ गैंगरेप किया।
पीड़िता के पिता ने पुलिस पर भी कई आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि जब उनकी बेटी ने ये सारी बात अपनी बुआ को बताई तो वह उसे रायबरेली के लालगंज थाना ले गई, वहां पुलिस को सूचना दी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके अलावा पुलिस अधीक्षक को भी रजिस्टर्ड डाक से सूचना भेजी गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। बड़ी मुश्किल से 5 मार्च, 2019 को एफआईआर दर्ज हुई है। पीड़िता के पिता ने ये सभी जानकारी पुलिस को दर्ज एफआईआर में बताई है।