लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि सबका साथ-सबका विकास उनके लिए नारा नहीं बल्कि हकीकत है और उनकी सरकार ने औरों की तरह तुष्टीकरण नहीं बल्कि बिना भेदभाव के सबका विकास किया है। योगी ने मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत विशिष्ट दिव्यांगजनों को चाबी सौंपने के लिए यहां लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि जो लोग भेदभाव का आरोप लगाते हैं वे अपने गिरेबान में झांके। अगर उन्होंने वाकई में बिना भेदभाव के सबका विकास किया होता तो हालात कुछ और होते।
उन्होंने कहा कि विपक्ष के आरोपों में उनकी बौखलाहट दिखती है। उनकी करतूतों के कारण जनता उनको सत्ता से बेदखल कर चुकी है। आगे कोई संभावना भी नहीं है। ऐसे में उनकी बौखलाहट और विभिन्न मुद्दों पर उनका अनर्गल प्रलाप स्वाभाविक है। आरोप लगाने वाले लोग गरीबों का पैसा हड़पने के पापी हैं। योगी ने कहा हमने जो किया है, आंकड़े उसके सबूत हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना से लेकर तमाम विकास योजनाओं में उत्तर प्रदेश यूं ही नहीं नंबर पर एक है। हमने वनटांगियां, मुसहर और आदिवासियों को भी विकास योजनाओं का फायदा दिया है।''
इस मौके पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि गरीब का दर्द या तो गरीब समझता है या संत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबी देखी है और योगी आदित्यनाथ संत हैं। दोनों दिल से गरीबों के हित में बारे में सोचते हैं। यही वजह है कि गरीबों को बिना भेदभाव के घर, रसोई गैस एवं बिजली के कनेक्शन मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों ने खुद कबूल किया है कि उनकी विकास योजनाओं का सिर्फ 15 फीसद ही गरीबों तक पहुंचता था। बाकी के 85 फीसद का बंदरबाट होता रहा। लिहाजा गरीबी हटी नहीं, बल्कि गरीबों की संख्या बढ़ गयी। इस अवसर पर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि गरीबों की यह मदद दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को असली श्रद्धांजलि है। कुष्ठ रोगियों के लिए खाने की व्यवस्था पूर्व मुख्यमंत्री ने कर दिया था। उनको घर देकर इस सिलसिले को आगे बढ़ाने के लिए योगी का काम काबिले तारीफ हैं।