लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में उत्तर प्रदेश के 22 जिलों में विगत दिनों हिंसा हुई थी। हिंसा में उपद्रवियों ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा था। वहीं, उत्तर प्रदेश शासन की तरफ से प्रदेश के 9 प्रमुख जिलों के डीएम को धरना प्रदर्शन के दौरान हुए सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की क्षतिपूर्ति का निर्धारण करने के लिए निर्देशित किया गया है। इस निर्देश पर इन जिलों के डीएम ने क्षतिपूर्ति के लिए कुल 498 लोगों को चिन्हित किया है और रिपोर्ट शासन को भेज दी है।
जानकारी के अनुसार, मेरठ में सबसे ज्यादा 148 लोगों को चिन्हित किया गया है, उसके बाद लखनऊ में 82 लोगों को रिकवरी नोटिस के लिए चिन्हित किया गया है। इसी तरह रामपुर में 79, मुजफ्फरनगर में 73, कानपुर नगर में 50, संभल में 26, बुलंदशहर में 19, फिरोजाबाद में 13 और मऊ में 8 लोगों रिकवरी के लिए चिन्हित किया गया है। बता दें कि लखनऊ में जिन्हें नोटिस जारी किया गया है उसमें प्रमुख रूप से रिटायर्ड आईजी एसआर दारापुरी, कांग्रेस नेता सदफ जफर और रिहाई मंच के मोहम्मद शोएब प्रमुख हैं। यह नोटिस हजरतगंज पुलिस द्वारा तैयार बलवाइयों की सूची पर जिला प्रशासन ने जारी की है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई बलवाइयों से करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद से ही जिला प्रशासन सूची को चिन्हित कर उन्हें नोटिस भेजकर एक सप्ताह के अंदर जवाब देने को कहा है। इसके बाद अगर वो खुद को निर्दोष साबित नहीं कर पाते हैं तो उन्हें एक तय राशि का भुगतान सरकार को क्षतिपूर्ति के तौर पर करना होगा। निर्धारित राशि न देने वालों पर कानूनी कार्रवाई होगी, जिसमें जेल जाना भी शामिल है।