महिला जगत। विवाह जैसे पवित्र बंधन बंधने के लिए लोग झूठ का सहारा ले रहे हैं। कभी झूठी डिग्री या नौकरी, तो कभी लड़के की इनकम के बारे में झूठ बोल कर की फरेब की शादी की घटनाएं बहुत बढ़ चुकी है। इतना ही नहीं लड़के की सेहत समेत अन्य कई तरह के छोटे-बड़े झूठ शादी तोड़ने का काम कर रहे हैं। ऐसे कई उदाहरण आपको आस-पास मिल जाएँगे, जहाँ धोखे और झूठ की बुनियाद पर रखी गई रिश्ते की इमारत सच का पता चलते ही भरभरा कर ढह गई। आज जिस प्रतिशत में विवाह टूट रहे हैं वो दुखद है और चौंकाता है। वहीं कई मामले ऐसे होते हैं जिनमें लड़कियां झूठ की नींव पर हुई अपनी शादी को अपना खराब नसीब मान कर जीवन भर निर्वहन करती रहती हैं।
समाज में अपने आस-पास हो रही ऐसी घटनाओं के कारण लड़कियों का विवाह जैसे पवित्र बंधन से विश्वास कमजोर होता जा रहा हैं। यही कारण है कि लड़कियां मां बाप के कहने पर किसी भी लड़के से शादी करने के बजाय अच्छे से पड़ताल कर लेना बेहतर समझ रही हैं। यही कारण है कि पिछले कुछ समय से लड़कियों ने अपने भावी जीवनसाथी के बारे में सारी पुख्ता जानकारी करने के लिए नया तरीका अपनाया है। इतना ही नहीं विवाह योग्य लड़कियां ही नही उनके परिवार वाले भी इस तरीके को अपना रहे हैं। आइए जानते हैं क्या है वो तरीका?
शादी से पहले संभावित वर के स्टेटस और उसकी सैलरी पता करने के लिए वधु पक्ष आरटीआई का सहारा ले रहे हैं। 2005 में आए राइट टू इनफार्मेशन एक्ट आईटीआई कानून की परिकल्पना करने वालों ने भी यह नहीं सोचा होगा कि भविष्य में यह कानून लड़कियों के लिए भरोसेमंद जीवनसाथी ढूढ़ने में भी उनकी मदद करेगा। इस तरीके से लड़के के बारे में सही जानकारी हासिल करके वह अपनी बिटियां के भविष्य के बारे में आश्वस्त होना चाहते हैं।
ऐसे में नागरिकों को मिला यह अधिकार बिहार समेत उत्तर भारत के अन्य राज्यों में बड़ा काम का साबित हो रहा हैं। आपको बता दें कि बिहार समेत उत्तर भारत के अन्य राज्यों लड़कियों की शादी में भारी दहेज जैसी कुप्रथा अत्यधिक प्रचलित है इसलिए वहां दहेज में मोटी रकम लड़की वालों से ऐठने के लिए कई तरह के झूठ बोलकर शादी कर लेते हैं। इससे ये बात लाजमी है कि लड़के के बारे में ऐसी पूछताछ भी ऐसे ही प्रदेशों में होगी।
ऐसे ही मामले बिहार में देखने को मिल रहे हैं जहां आरटीआई के माध्यम से संभावित वर से संबंधित जानकारी मांगी गयी हैं। लड़की के पिता एवं संबंधी शादी से पहले लड़के के चाल-चलन नौकरी, वेतन समेत अन्य जानकारी मांग रहे हैं। इतना ही नहीं लड़कियां अपने पति की वास्तवित वेतन जानने के लिए इस कानून का सहारा ले रही हैं। शादी के मौसम में बिहार के कई सरकार ऑफिस में ऐसी जानकारी प्राप्त करने वाली कईयों अप्लीकेशन दी गयी। जिसमें लड़के की शैक्षणिक योग्यता, पदनाम, स्थायी नौकरी और सैलरी की जानकारी मांगी गईं हैं।
40 फीसदी लोगों को दी गई सूचना
सूत्रों के अनुसार इस साल जनवरी से अक्टूबर तक आरटीआई के माध्यम से कुल 1423 लोंगों ने इसे से संबंधित सूचनाएं मांगी। जिनमें 40 प्रतिशत लोगों क निजी सूचनाएं दी गई बाकी मामलों में निजी जानकारी देने से इंकार कर दिया गया। ये अप्लीकेशन जहां एक पिता और परिवार की बेटी के भविष्य को लेकर चिंता का एहसास कराती है वहीं सरकारी कार्यालयों में बैठे अधिकारियों को दिलचस्प अनुभव का अहसास करा रही हैं।
अप्लीकेशन देकर सूचना मांगने वालों में सभी वर्ग के लोग शामिल हैं। कई नामी बड़े परिवार भी इस कानून का सहारा ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि एक लड़की के पिता जो कि बड़े व्यवसायी थे उन्होंने एक अधिकारी की नौकरी स्थायी है या अस्थायी एवं शैक्षणिक योग्यता के बारे में आरटीआइई की अर्जी देकर जानकारी मांगी है। यहां तक कि ये तक पूछा है कि उक्त अधिकारी की मास्टर डिग्री किस शिक्षण संस्थान की है। इतना ही नहीं भविष्य में प्रोन्नति को लेकर भी सवाल पूछे ।
सही उम्र का लगा रहे इससे पता
वही दूसरे मामले में संभावित दूल्हें से यह जानकारी मांगी कि लड़के की नौकरी संविदा पर है या परमानेन्ट, उसका मासिक सैलरी क्या है। इतना ही नही भविष्य में उसे प्रमोशन मिलेगा या नहीं , सैलरी बढ़ेगी या नही? विभिन्न विभाग में कार्यरतक शादी योग्य कर्मचारियों और अधिकारियों के बारे में ये तक जानकारी मांगी गई कि उनका व्यवहार कैसा है, उनकी सही उम्र क्या हैं ?
सूचना अधिकारी ने अपने अनुभव शेयर करते हुए बताया कि संभावित वर की आर्थिक हैसियत की सही सूचना पाने के लिए दुल्हन पक्ष द्वारा क्रेडिट इनफॉरमेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड (सिबिल) की मदद भी ली जा रही है। सिबिल की सहायता से किसी भी व्यक्ति के कर्ज का विस्तृत ब्योरा प्राप्त किया जा सकता है। शादी से पहले लड़के वालों की सिविल जानकारी इसलिए जुटाई जाने लगी है, क्योंकि इससे लड़के वाले की आर्थिक हैसियत का अनुमान लगाया जा सके। उन्होंने बताया कि जहां एक ओर शादी के पहले यह सूचना मांगी जा रही है, वहीं अप्लीकेशन ऐसी भी आई जो कर्मचारियों की पत्नी द्वारा दी गई है। उसमें पति की पेंशन या वेतन से संबंधित जानकारी मांगी गयी