बस्ती । कबीर साहित्य सेवा संस्थान की ओर से मंगलवार को प्रेस क्लब में 'नारी सशक्तीकरण में समाज की भूमिका' विषयक संगोष्ठी एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।
मुख्य अतिथि साहित्यकार डा. वी.के. वर्मा ने कहा कि भारतीय मनीषा में नारी का सम्मान सर्वोपरि है। संसार में मां ही किसी बेटे या बेटी को जन्म देती है। समूचे देश में नवरात्रि में मां दुर्गा के आराधना का सूत्र ही यही है कि सृष्टि का संचालन नारी के हाथ में हैं। नारी अबला नहीं सबला है। समाज को नारी के प्रति अपना दृष्टिकोण बदलना होगा।
संचालन करते हुये वरिष्ठ कवि डा. रामकृष्ण लाल 'जगमग' ने कहा कि माता ही हमें संसार का दर्शन कराती है। दुर्भाग्य है कि आज समाज में नारी को भोग्या बनाकर प्रस्तुत करने के साथ ही उन्हें अपमानित किया जा रहा है। इस पर रोक की जरूरत है। अध्यक्षता करते हुये साहित्यकार सत्येन्द्रनाथ मतवाला ने कहा कि बेटियां हैं तो भविष्य सुरक्षित है। हमें बेटा और बेटी में भेदभाव समाप्त करना होगा। डा. दशरथ प्रसाद यादव, मो. वसीम अंसारी, जय प्रकाश गोस्वामी, दीन बंधु उपाध्याय, सर्वेश श्रीवास्तव ने नारी के महत्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर संस्थान की ओर से डा. वी.के. वर्मा को 'साहित्य मनीषा ' सम्मान से सम्मानित किया गया। इसी क्रम में डा. वी.के. वर्मा ने पात्र गरीबों में कम्बल का वितरण किया।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में डा. रामकृष्ण लाल 'जगमग' के संचालन में आयोजित कवि सम्मेलन में डा. राममूर्ति चौधरी, पंकज सोनी, जगदम्बा प्रसाद भावुक, श्रीकृष्ण चौधरी, वृजेश लाल यादव, नीलम सिंह, हीरालाल यादव, वृजेश यादव के साथ ही ने काव्य पाठ किया। आयोजक मो. सामईन फारूकी ने आगन्तुकों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में अनेक सामाजिक कार्यकर्ता, कवि उपस्थित रहे।