संतकबीरनगर।-पांच साल पहले जिले के मंझरिया स्थित प्राथमिक विद्यालय में अनीता सिंह सहायक अध्यापिका के पद पर तैनात होकर पहुंची। बच्चों से मुखातिब होने के बाद जब बातचीत चालू हुआ नई शिक्षिका को पता चला कि इन बच्चों ने अभी तक ट्रेन ही नहीं देखी है। उस दिन इस शिक्षिका ने अपने पैसे से स्कूल का कायाकल्प करने का संकल्प लिया। स्कूल के रंग-रोगन के लिए पचास हजार रुपए को अपने घर के खर्च से बचाकर जोड़ने के बाद तेरह दिन के भीतर स्कूल को रेलवे स्टेशन की शक्ल देने के साथ स्वच्छ भारत एक्सप्रेस भी पहुंचा दिया। एक शिक्षिक के व्यक्तिगत प्रयास को देखकर स्कूल में मिड-डे-मील के लिए रसोई के साथ बाउंड्रीवाल आदि का काम सरकारीमद से प्रधानाध्यापिका की ओर से भी करवाया जाएगा।
संतकबीरनगर जिले के मंझरिया प्राथमिक विद्यालय की सहायक अध्यापिका अनीता सिंह ने बताया कि उनकी तैनाती 12 अगस्त 2014 को यहां पर हुई थी। उस समय नामांकित बच्चों की संख्या तो 100 से अधिक थी,लेकिन उपस्थिति सिर्फ 20-22 बच्चों की रहती। स्कूल की सफेद दीवारें थी। पढ़ने वाले बच्चे यहीं कहते थे कि हम सब कभी ट्रेन में नहीं बैठे है न देखें हैं। बच्चोंकी बात मेरे दिल को छू गई। बच्चों के लिए फिर स्कूल को रेलवे स्टेशन के साथ कक्षाओं को ट्रेन की शक्ल में बदलने का फैसला किया। बच्चों के शुद्ध पेयजल की व्यवस्था के लिए आरओ का इंतजाम भी किया। यह सब सबके मदद से संभव हुआ।। स्कूल का कायाकल्प होने के बाद बच्चों की उपस्थिति शत-प्रतिशत हो गयी है।
खलीलाबाद तहसील क्षेत्र के मंझरिया में स्थित परिषदीय स्कूल को रेलवे स्टेशन की शक्ल देने के साथ कक्षाओं को एक ट्रेन की शक्ल में बदल दिया गया, इसका नाम रखा स्वच्छ भारत एक्सप्रेस ट्रेन। इस काम में प्रधानाध्यापिका शीला देवी, शिक्षा मित्र धर्मेंद्र पासवान, कमला देवी और मनभावती ने भी दिल खोलकर मदद की। स्कूल के कायाकल्प के अनीता के संकल्प को पूरा करने में उसके कुछ ऐसे दोस्तों ने भी मदद की जो दूसरे प्रांतों में रहते हैं जो कभी इस गांव आए ही नहीं है। स्कूल शिक्षिका के इस प्रयास को जिले के डीएम रवीश गुप्ता भी सराहना कर रहे हैं। स्कूल को स्वच्छ भारत एक्सप्रेस ट्रेन बनाकर स्वच्छ भारत मिशन को भी बढावा देने की कोशिश है।