प्रयागराज । प्रयागराज में 3 अक्टूबर को कैश वैन से हुई 1.52 करोड़ की चोरी का आखिर कार पुलिस ने खुलासा कर दिया। इस वारदात को अंजाम देने में शामिल गैंग के 9 सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। जबकि उनके पास से 10 लाख रूपये भी बरामद किये गये हैं। लेकिन, सबसे आश्चर्य की बात है कि कैश वैन से एक करोड से ज्यादा की चोरी हुई और उसमें से 1.42 करोड़ का कोई पता नहीं है। हालांकि इससे भी आश्चर्यजनक यह रहा कि इस गैंग का खुलासा मीडिया के सामने नहीं किया गया, यानी प्रेस कांफ्रेंस नहीं आयोजित की गयी, बस फोटो और प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मीडिया को जानकारी दी गयी। इससे पुलिस के इस खुलासे को लेकर बहुत अधिक सच्चाई भी समाने नहीं आ सकी। पुलिस ने जो दावा किया है उसके अनुसार पकडे गये गये लोगों में पश्चिम बंगाल, तामिलनाडु के सक्रिय चोर गिरोह शामिल थे। जो इसी तरह की घटनाओं को पहले भी अंजाम दे चुके थे।
क्या था मामला
पुलिस के अनुसार इलाहाबाद जंक्शन के बाहर 3 अक्तूबर को कैशवैन से डेढ़ करोड से अधिक रूपये गायब हो गये थे। घटना सिविल लाइंस साइड स्थित होटल पोलो मैक्स के सामने खड़ी कैशवैन से हुई थी। कैशवैन में घटना के समय 1.52 करोड़ रुपये थे, जो एक बक्से में रखे हुये थे। इस गिरोह ने पूरा का पूरा बक्सा ही गायब कर दिया था। यह खबर जैसे ही बाहर आई पूरे शहर समेत यूपी भर में हड़कंप मच गया । जांच पड़ताल शुरू हुई और इसके खुलासे के लिये क्राइम ब्रांच समेत 8 टीमें लगी और तार दर तार जोड़कर इस मामले का अब खुलासा कर दिया गया है।
सीसीटीवी से मिले चोर
3 अक्टूबर की इस घटना के बाद पुलिस के हाथ सबसे अहम क्लू सीसीटीवी फुटेज था। जिसमें बदमाशों की करतूत कैद हुई थी। सीसीटीवी से चेहरों की पहचान का क्रम शुरू हुई और पूरे देश में इनका रिकार्ड थानों में भेजा जाने लगा। जांच के दौरान पता चला कि इसी गिरोह ने इससे पहले भी इसी तरह की वारदात को अंजाम दिया था। वाराणसी के लंका व मुगलसराय में कैशवैन से नगदी उड़ाने का कारनाम इसी गिरोह की करतूत थी। पुलिस ने पूर्व में दर्ज मुकदमे, जांच रिपोर्ट और सुरागों के साथ जांच आगे बढाई तो पता चला कि चोरों का यह गिरोह, पश्चिम बंगाल और तामिलनाडु का सक्रिय गैंग है। धीरे धीरे एक सख्श की पहचान होने लगी और एक एक कर इस गिरोह के सदस्य गिरफ्तार किये जाने लगे।
ये हुये गिरफ्तार
पुलिसक के अनुसार कैशवैन से डेढ करोड रूपये से अधिक की चोरी के मामले में पुलिस की टीमें कयी राज्यों में लगातार डेरा डाले हुई थी और इनकी लोकेशन ट्रेस कर रही थी। दिल्ली, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में अलग अलग स्थानों पर इन लोगों ने अपने छिपने का अड्डा बनाया हुआ था। फिलहाल पुलिस ने वारदात को अंजाम देने में शामिल रवि उर्फ प्रेम कोइरी , आदित्य उर्फ आदी, मददगार मीना सेल्वी , गैंग का सरगना मुकेश, जैक, गोकुल, कुमरन बी, साहुल हमीद व सुब्रमण्यम शामिल हैं। इनमें मीना पश्चिम बंगाल के हुगली की रहने वाली है। जबकि बाकी के गिरोह सदस्य तामिलनाडु के त्रिचुरापल्ली के रहने वाले हैं। हालांकि सीसीटीवी फुटेज में दिखने वाले अभी सभी सख्श गिरफ्तार नहीं किये जा सके हैं और पुलिस ने उनके नाम का भी खुलासा नहीं किया है। इसके अलावा 1 करोड़ 42 लाख रूपये अभी कहां है और पुलिस उसे कैसे बरामद करेगी, अभी इस पर भी सवाल बना हुआ है।