बस्ती जिला कारागार में बेकार पड़े ईंट-पत्थर अब किसी भी दशा में बंदियों के हथियार नहीं बन सकेंगे, बल्कि इसी से जेल के भीतर ही सड़क बनाकर तैयार कर दी गई है। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर जेल प्रशासन ने जेल के भीतर इन ईंट-पत्थर की मदद से तीन सौ मीटर लंबी सड़क तैयार कर दी है। बरसात के दिनों में भी इसका फायदा अब बंदियों को मिल सकेगा।
जिला कारागार में क्षमता से अधिक कैदी हैं। कुछ महीनों पहले तक जेल के हालात बहुत ठीक नहीं थे। आए दिन कैदियों के बीच वर्चस्व को लेकर तनाव की स्थिति बनी रहती थी। इस बीच जेल परिसर के भीतर बड़ी मात्रा में पड़े ईंट-पत्थर कभी भी घातक साबित हो सकते थे। एक नवंबर को जेल के भ्रमण के दौरान नोडल पुलिस अफसर/ आईजी एसटीएफ अमिताभ यश ने परिसर में बेकार पड़े ईंट-पत्थरों को हटवाने का निर्देश दिया था।
इसे गंभीरता से लेते हुए जेल अधीक्षक संतलाल यादव व जेलर सतीश द्विवेदी की पहल पर ईंट-पत्थरों की मदद से सड़क बनाने का निर्णय लिया गया। बेकार पड़े ईंट-पत्थरों से अब जेल के अंदर तीन सौ मीटर सड़क बनकर तैयार हो गई है। इससे जेल के भीतर खासतौर से बरसात के दिनों में जलजमाव की स्थिति में पानी में घुसकर जाने से जेल कर्मियों व बंदियों को निजात मिलेगा। इसके साथ ही ईंट-पत्थर से किसी तरह के पैदा होने वाले खतरे की आशंका से भी छुटकारा मिल गया।
पिछले दिनों उच्चाधिकारियों ने जेल का दौरा किया था। इस दौरान यहां बेकार पड़े ईंट-पत्थरों को हटवाने का निर्देश दिया गया था। आदेश का पालन कराते हुए ईंट-पत्थरों से 300 मीटर जेल के भीतर तक की सड़क बना दी गई है। इससे बरसात के दिनों में भी आने-जाने में जेल स्टॉफ और कैदियों को दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा। इनके गलत इस्तेमाल की आशंका भी समाप्त हो गई।