बस्तीः मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती कटेश्वरपार्क स्थित कांग्रेस दफ्तर पर मनाई गयी। जिलाध्यक्ष अंकुर वर्मा सहित कई पार्टी नेताओं ने उनके चित्र पर पुष्पार्चन कर उनके योगदान को याद किया। जिलाध्यक्ष ने अपने सम्बोधन में कहा कि आजाद ने आईआईटी की स्थापना कर देश के विकास और सोच का नया आयाम और नजरिया दिया।
वे कवि, लेखक, पत्रकार और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। भारत की आजादी के बाद वे एक महत्त्वपूर्ण राजनीतिक पद पर रहे। वे महात्मा गांधी के सिद्धांतो का समर्थन करते थे। उन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए कार्य किया, तथा वे अलग मुस्लिम राष्ट्र (पाकिस्तान) के सिद्धांत का विरोध करने वाले मुस्लिम नेताओ में से एक थे। उनकी सोच को अमल में लाकर देश को वैश्कि पटल पर सबसे आग लाया जा सकता है। वरिष्ठ कांग्रेसी प्रेमशंकर द्विवेदी, नर्वदेश्वर शुक्ला, ज्ञानेन्द्र पाण्डेय ने कहा की कलाम 1940-45 के बीच भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे जिस दौरान भारत छोड़ो आन्दोलन हुआ था। कांग्रेस के अन्य प्रमुख नेताओं की तरह उन्हें भी तीन साल जेल में बिताने पड़े थे।
स्वतंत्रता के बाद वे भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना उनके सबसे अविस्मरणीय योगदान दिया। वरिष्ठ कांग्रेसी विश्वनाथ चौधरी, राना दिनेश प्रताप सिंह, ज्ञान प्रकाश पाण्डेय, रविन्द्र सिंह राजन, संदीप श्रीवास्तव, आदित्य त्रिपाठी, सुरेन्द्र मिश्रा, डा. वाहिद सिद्धीकी, मो. रफीक खां, अतीउल्लाह सिद्धीकी, गायत्री गुप्ता, दुर्गेश त्रिपाठी, राकेश पाण्डेय, लालजीत पहलवान, कौशल त्रिपाठी, चन्द्रभान पाण्डय ने भी कलाम के योगदान को याद किया। गुड्डू सोनकर, रवि श्रीवास्तव, पंकज कुमार गौतम, विनोद रानी आहूजा, शेर मोहम्मद, दयाशंकर पाण्डेय, इश्तेखार अहमद, देवी प्रसाद पाण्डेय, मो. आरिफ, बच्चूलाल गुप्ता, मो. युसुफ कल्लन, जयप्रकाश अग्रहरि, शकुन्तला देवी, शिवप्रकाश चौधरी, लवकुश गुप्ता, नोमान अहमद, मो. रिजवान, पवन चौरसिया, फैज अहमद सिद्धीकी आदि मौजूद रहे।