बस्ती। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के जन्म दिन पर भारतीय जनता पार्टी के द्वारा 14 नवम्बर को दूसरे कार्यक्रम को कर लोगों को पंडित नेहरू की जयन्ती से दूर रखने की कोशिश से कांग्रेसीयों में काफी नाराजगी है। भाजपा के इस रवैये से नाराज कांग्रेस नेता विश्वनाथ चौधरी ने कहा कि भाजपा के द्वारा पंडित नेहरू के जन्म दिन के दिन सामुहिक विवाह का रखा जाना एक साजिस है। जिसके पिता इलाहाबाद के वरिष्ठ बैरिस्टर रहे हो जिन्हे किसी भी तरह की कोई कमी ना रही हो ऐसे मोतीलाल नेहरू के लड़के पंडित जवाहरलाल नेहरू देश की आजादी के लिए सारी सुख सुविधाओं को छोड़ कर खादी वस्त्र धारण किये एवं लगातार तीन वर्षों तक जेल में रहे। पंडित नेहरू जब जेल में थे तो उसी दरमयान उनकी उनकी पत्नी का देहांत हो गया और उस समय भी उन्हें जेल से रिहा नहीं किया गया। देश को आजादी दिलाने के बाद प्रथम प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला और देश के उन्नति के लिए सभी क्षेत्रों में कार्य किये ऐसे महापुरुष का नाम मिटाने के लिए भाजपा सरकार ने 14 नवंबर को स्कूलों में कार्यक्रमों की जगह परीक्षा केंद्र बना कर परीक्षा करवाई। नेहरू जी से ध्यान हटाने के लिए सामुहिक विवाह का कार्यक्रम रखा गया।
इतना ही नही प्रशासन द्वारा किसी भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के जयंती या पुण्यतिथि पर उनकी मूर्तियों की सफाई कर उस पर माल्यार्पण की जाती है पर पूर्वांचल में सबसे बड़ी एवं ऊंची पंडित नेहरू की मूर्ति बस्ती रोडवेज पर लगी है पर कल 14 नवंबर को ना तो वहां सफाई हुई ना ही नेहरू जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। यह बड़े दुर्भाग्य बात है जब हम लोगों ने मूर्ति की स्थिति देखी तो हम कांग्रेस के लोंगो ने प्रतिमा को अपने हाथ से धोया एवं माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। सरकारे आती जाती रहती है महापुरूषों की उपेक्षा निन्दनीय है।