बस्ती । हिन्दी के वरिष्ठ कवि 'चांशनी', 'किसी की दिवाली, किसी का दिवाला' खण्ड काव्य ' हम तो केवल आदमी हैं' बाल सुमन, 'सच का दस्तावेज' आदि काव्य पुस्तकों के रचयिता डा. रामकृष्ण लाल 'जगमग' को उनके साहित्यिक योगदान के लिये विक्रम शिला हिन्दी विद्यापीठ की प्रादेशिक शाखा मुम्बई (महाराष्ट्र) द्वारा महात्मा गांधी सेवा आश्रम वर्धा में आयोजित राष्ट्रीय साहित्यिक संगोष्ठी एवं अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में ' साहित्य शिरोमणि' सम्मान से सम्मानित किया गया।
डा. रामकृष्ण लाल 'जगमग' ने कहा कि बस्ती की माटी का मुम्बई में सम्मान समूचे पूर्वान्चल के साहित्यिक आलोक का सम्मान है। इन दिनों वे स्वामी विवेकानन्द पर केन्द्रित महाकाव्य के सृजन में व्यस्त है। डा. जगमग को वर्धा में सम्मानित किये जाने पर भद्रसेन सिंह बंधु, सत्येन्द्रनाथ मतवाला, श्याम प्रकाश शर्मा, मो. वसीम अंसारी, डा. कमलेश पाण्डेय, डा. वी.के. वर्मा, डा. त्रिभुवन प्रसाद मिश्र, सागर गोरखपुरी, जगदम्बा प्रसाद भावुक, पेशकार मिश्र, बटुकनाथ शुक्ल, जगदीश प्रसाद पाण्डेय, वाहिद अली सिद्दीकी, पुष्पलता पाण्डेय, सुरेन्द्र मोहन वर्मा, ताजीर बस्तवी, रामचन्द्र राजा, विनोद उपाध्याय, विशाल पाण्डेय के साथ ही अनेक साहित्यकारों, समाजसेवियों ने प्रसन्नता व्यक्त किया है।
साहित्य शिरोमणि’ सम्मान से सम्मानित हुये डा. जगमग
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October 24, 2019