अयोध्या। राम की नगरी अयोध्या में शनिवार छोटी दीपावली को मनाया गया दीपोत्सव गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गया। एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या की धरती एक ऐतिहासिक क्षण की गवाह बनी । अयोध्या में 6 लाख से ज्यादा दीयों को प्रज्ज्वलित किया गया। राम की पैड़ी पर 4 लाख 10 हजार और 11 अन्य स्थलों पर 2 लाख से अधिक दीप प्रज्जवलित किए गए, जिसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सैकड़ों वर्ष की गुलामी के बाद देश अपना सत्व भूल गया था और आजादी के बाद जिस सत्व को तत्काल जगाने की आवश्यकता थी, उसे जाग्रत होने में 70 वर्ष लग गए। पहले की सरकारें अयोध्या से डरती थीं पर मैं स्वयं अपने ढाई वर्ष के शासन काल में डेढ़ दर्जन बार आया हूं और जब भी आता हूं मोदी जी की अनुकंपा से सैकड़ों करोड़ की योजना लेकर आता हूं।
इस मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, राज्य मंत्री( स्वतंत्र प्रभार) संस्कृति एवं पर्यटन, भारत सरकार प्रहलाद सिंह पटेल और फिजी गणराज्य की उपसभापति एवं सांसद वीणा कुमार भटनागर द्वारा आज सरयू तट पर पूजा अर्चना की गई। इसके अलावा राम की पैड़ी पर प्रोजेक्शन मैपिंग शो द्वारा रामकथा का प्रदर्शन और भव्य आतिशबाजी का प्रदर्शन भी किया गया।
पुष्पक विमान के प्रतीक हेलीकाप्टर से भगवान राम व माता जानकी रामकथा पार्क में आगमन हुआ। इससे लोगों को त्रेतायुग का अहसास हुआ। लंका विजय के बाद अनुज लक्ष्मण और पत्नी जानकी के साथ भगवान के अयोध्या वापस आने का प्रसंग जीवंत हुआ। राम-लक्ष्मण और सीता का प्रतीकात्मक राजतिलक कर मुख्यमंत्री ने बताया कि जिस तरह भारत की सांस्कृतिक विरासत को पवित्र भाव के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखा, वैसे ही आज पूरी दुनिया अयोध्या के सांस्कृतिक गौरव का आभास कर रही है। उन्होंने कहा कि सैकड़ों वर्ष की गुलामी के बाद जागृत होने में 70 साल लगे हैं। काशी की देव दीपावली और प्रयागराज के कुंभ के बाद अब अयोध्या के दीपोत्सव के जरिए प्रदेश ने विश्वपटल पर खुद को मजबूती से स्थापित किया है।
इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, फिजी गणराज्य की उपसभापति एवं सांसद वीणा कुमार भटनागर ने भारत, नेपाल, श्रीलंका, इंडोनेशिया एवं फिलीपींस की रामलीला का अवलोकन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने रामलीला के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वाले विख्यात व्यक्तियों व संस्थाओं को सम्मानित किया। इस मौके पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, दोनों डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्य, कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह, राज्यमंत्री पर्यटन एवं संस्कृति विभाग नीलकंठ तिवारी समेत कई वरिष्ठ मंत्रीगण और अधिकारी मौजूद रहे।
योगी ने कहा कि अयोध्या की बात आती है तो रामराज्य याद आता है। यानी ऐसा राज्य जहां भेदभाव न हो और सबको न्याय मिले। उन्होंने कहा कि तीन करोड़ आवास, 10 करोड़ इज्जतघर, चार करोड़ बिजली कनेक्शन, आठ करोड़ गैस कनेक्शन, 12 करोड़ किसान निधि सम्मान और 50 करोड़ आयुष्मान लाभार्थी भी इसी तरह बिना जाति-धर्म के भेदभाव के न्याय पा रहे हैं, जिससे पांच साल में रामराज्य की अवधारणा साकार हुई है। देश को सांस्कृतिक, सामरिक व आर्थिक ताकत के तौर पर स्थापित करने के अभिनव प्रयास हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत किसी को छेड़ता नहीं, लेकिन कोई छेड़े तो छोड़ता भी नहीं है। फिजी की उपसभापति का आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि एक नया भारत फिजी में भी बसता है।
रामकथा पार्क में भगवान राम के राज्याभिषेक की रस्म के बाद उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दुनिया को अब भारत के गौरव का एहसास हो रहा है। अयोध्या का दीपोत्सव, काशी का गौरवमय विकास, प्रयाग का कुंभ और योग की पूरी दुनिया में प्रतिष्ठा इस सच्चाई की परिचायक है। मुख्यमंत्री ने इस बदलाव का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देते हुए कहा, हर भारतवासी मोदी जी के नेतृत्व से अभिभूत है, उन्होंने विश्व पटल पर भारतीय संस्कृति को मजबूती से स्थापित किया है। मुख्यमंत्री अपने 20 मिनट के उद्बोधन में रामराज्य की ओर केंद्रित हुए।
सीएम योगी ने कहा कि भारत आज किसी को छेड़ता नहीं पर छेडऩे वाले को छोड़ता भी नहीं और हम ललकारने वाले को उसकी मांद में घुसकर सबक सिखाते हैं। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने पुष्पक विमान के प्रतीक हेलीकाप्टर से सरयू तट पर सीता और लक्ष्मण सहित उतरे भगवान राम के स्वरूप की अगवानी की तथा उनका राजतिलक कर युगों पूर्व की स्मृति जीवंत की। मुख्यमंत्री ने सरयू की आरती की और सरयू तट से ही लगे रामकी पैड़ी परिसर में रिकॉर्ड चार लाख से भी अधिक प्रज्वलित दीपों का अवलोकन किया।
राम के राजतिलक और सरयू में तैरती दीपोत्सव की अनुपम छटा देख राज्यपाल आनंदीबेन भी अभिभूत थीं। बोलीं- राम जब अयोध्या लौटे होंगे तो ऐसा ही दृश्य रहा होगा। दीपोत्सव से अयोध्या को देश-विदेश में और अधिक पहचान मिलने का विश्वास जगाते हुए उन्होंने कहा कि आने से पहले मन में था कि दीपोत्सव न जाने कैसा होगा, लेकिन जब देखा तो यही लगा कि जैसे हम सब राम के राज्याभिषेक में उपस्थित थे।
उन्होंने ऐसे आयोजन को प्रदेश का सौभाग्य ठहराते हुए बताया कि इसीलिए दीपोत्सव को अब राज्य मेले का दर्जा दिया गया है। फिजी की उपसभापति ने जैसे ही लयबद्ध रामधुन से संबोधन शुरू किया, पूरा रामकथा पार्क तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा। राम की भूमि और संतों के चरणों में प्रणाम करने के साथ जहां उन्होंने अपने देश में राम के प्रताप को शब्दों में चित्रित किया, वहीं विश्वास जताया कि अब अयोध्या में फिर से रामराज्य की स्थापना होगी। दीपावली की पूर्व संध्या पर सजी रामनगरी की अप्रतिम झांकी के साक्षी बने केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल, राम जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य और पूर्व सांसद डॉ.रामविलास दास वेदांती भी अयोध्या के अब आगे बढ़ चलने को लेकर आशान्वित थे।
वहीं, इस बार रामनगरी 6 लाख से ज्यादा दीयों को प्रज्जवलित किया गया। राम की पैड़ी पर 4 लाख 10 हजार और 11 अन्य स्थलों पर 2 लाख से अधिक दीप प्रज्जवलित किए गए, जिसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। अवध विश्वविद्यालय के 6 हजार वालिंटियरों ने दीप जलाए। इस बार अवध विश्वविद्यालय ने पिछला अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा है। इस बार 4 लाख 10 हजार दीप जलाए गए हैं, जबकि पछली बार 3 लाख 21 हजार दीप प्रज्जवलित हुए थे। यह घोषण गिनीच बुक आफ रिकॉर्ड की टीम ने की है।
इस मौके पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, उप मुख्यमंत्री केशवप्रसाद मौर्य एवं डॉ. दिनेश शर्मा, प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री, पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी, कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही, जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह, प्रदेश भाजपाध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, सांसद लल्लू सिंह , महापौर रिषिकेश उपाध्याय, विधायक वेदप्रकाश गुप्त, रामचंद्र यादव, शोभा सिंह , इंद्रप्रताप तिवारी, गोरखनाथ बाबा आदि सहित बड़ी संख्या में संत मौजूद रहे।
दीपोत्सव पर डाक टिकट भी जारी हुआ। प्रदेश के चीफ पोस्ट मास्टर जनरल कौशलेंद्र कुमार की ओर से प्रस्तुत टिकट का विमोचन मुख्यमंत्री सहित प्रदेश सरकार के अनेक शीर्ष प्रतिनिधियों ने किया।
रामकथा पार्क में भगवान राम व माता जानकी का हेलीकाप्टर से आगमन हुआ। इससे लोगों को त्रेतायुग का अहसास हुआ। लंका विजय के बाद अनुज लक्ष्मण और पत्नी जानकी के साथ भगवान के अयोध्या वापस आने का प्रसंग जीवंत हुआ।
मुख्यमंत्री ने 236 करोड़ की विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास भी किया। इनमें 52 करोड़ की लागत से रामकी पैड़ी में अविरल जल प्रवाह, 35.64 करोड़ की लागत से गुप्तारघाट के विकास एवं निर्माण, 19.41 करोड़ की लागत से बंधा तिराहा पर भजन संध्या स्थल का उद्घाटन, 16.17 करोड़ से फोर लेन का चौड़ीकरण आदि प्रमुख है। जबकि अयोध्या जिला की ही बीकापुर विधानसभा क्षेत्र में 7.75 करोड़ से राजकीय महाविद्यालय की स्थापना, अयोध्या नगर में ही 5.24 करोड़ की लागत से ड्राइङ्क्षव ट्रेङ्क्षनग इंस्टीट्यूट एवं 1.65 करोड़ की लागत से गोसाईंगंज विस क्षेत्र में लघु सेतु के निर्माण आदि कुल 11 परियोजनाओं का शिलान्यास किया।
अयोध्या में साकेत महाविद्यालय से भगवान की लीला पर आधारित 11 झांकियां निकलनी शुरू हो गई हैं। रामकथा पार्क तक निकलने वाली इस झांकियों का जगह-जगह स्वागत हो रहा है। यह यात्रा साकेत महाविद्यालय से शुरू होकर रामकथा पार्क में समाप्त होगी। फिजी की डिप्टी स्पीकर वीना कुमार भटनागर ने दीपोत्सव की शोभायात्रा को हरी झंडी दिखाई। साकेत महाविद्यालय से निकली शोभायात्रा। इन 11 झांकियों में भगवान श्री राम के जीवन का वृतांत है। इस दौरान सांसद लल्लू सिंह, अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, महापौर ऋषिकेश उपाध्याय व अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी भी मौजूद थे। इसमें कई देशों के कलाकारों ने भाग लिया ।
रामकथा पार्क में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भगवान राम के स्वरूप का तिलक कर युगों पूर्व राम राज्याभिषेक की स्मृति जीवंत किया। दीपोत्सव का एक अन्य अहम आयाम राम राज्याभिषेक का मंचन भी है। इस दौरान फिजी की संसद की डिप्टी स्पीकर वीना भटनागर, राज्यपाल आनंदीबेन, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल भी उपस्थित रहे।